भर्ती के बाहरी स्रोत
प्रत्येक संस्थान को ऊंचे पदों पर भर्ती के लिए बाहरी स्रोतों का उपयोग करना पड़ता है। जब वर्तमान कर्मचारी उपयुक्त न हों। विस्तार के समय ज्यादा व्यक्तियों की आवश्यकता होती है। बाहरी व्यवस्था की चर्चा निम्नानुसार है:
1. विज्ञापन : ऊंचे एवं अनुभवी कार्यों के लिए व्यक्तियों की भर्ती में विज्ञापन श्रेष्ठ तरीका है। विज्ञापन स्थानीय अथवा राष्ट्रीय प्रेस, संघ अथवा व्यावसायिक पत्रिकाओं में दिये जाते हैं। कार्य की आवश्यकताओं को विज्ञापन में दिया जाता है। भावी उम्मीदवार कार्य की आवश्यकताओं के चिन्ह अपना आंकलन आवेदन भेजने के पूर्व करते हैं। प्रबंधन को चयन के लिये एक उम्मीदवारों की एक विस्तृत श्रृंखला मिल जाती है। आवेदनों की बाढ़ प्रक्रिया में कठिनाइयाँ पैदा कर सकती है।
2. रोजगार कार्यालय : सरकार द्वारा चलाये जा रहे रोजगार कार्यालय भी भर्ती के अच्छे स्रोत हैं। बेरोजगार व्यक्ति इन कार्यालयों में अपना पंजीयन कराते हैं। जब आवश्यकता हो, रिक्तियाँ इन कार्यालय में नोट कराई जा सकती है ये कार्यालय आवश्यक योग्यताओं को पूरा करने वाले उम्मीदवारों की सूची उपलब्ध रास्ता है रोजगार कार्यालय अकुशल, कुशल एवं चालक / ऑपरेटर पदों की भर्ती के लिये उपयुक्त स्रोत है। रोजगार कार्यालयों द्वारा कार्य चाहने वालों एवं कार्य देने वालों को संपर्क में लाया जाता है।
3. बिना माँगे प्रस्तुत आवेदन : रोजगार की तलाश वाले व्यक्ति नियोक्ता से टेलीफोन, डाक या व्यक्तिगत रूप से संपर्क कर सकते हैं। सामान्यतया अच्छी प्रतिष्ठा वाले नियोक्ताओं को बिना माँगे आवेदन प्राप्त होते हैं। यदि आवश्यकता होती है या होने वाली होती है तो उन कार्यों के लिये इन व्यक्तियों पर विचार किया जाता है। व्यक्तिगत विभाग बिन माँगे आवेदनों का अभिलेख संधारण कर सकता है इन व्यक्तियों के उपयुक्त कार्य जब उपलब्ध होते हैं तो रोजगार के लिये इन पर विचार किया जाता है।
4. पेशेवर संगठन : पेशेवर संगठन अपने सदस्यों का पूर्ण बायोडाटा संधारित करते हैं एवं माँग होने पर कंपनियों को उपलब्ध कराते हैं। ये संगठन सदस्यों एवं भर्ती करने वाली फर्म के बीच आदान प्रदान का कार्य करते हैं फर्मों द्वारा भर्ती किये जाने वाले व्यक्तियों के बारे में स्पष्टीकरण माँगे जा सकते हैं तथा संदेह दूर किये जा सकते हैं। मध्य एवं उच्च स्तर की भर्ती के लिये यह स्रोत विश्वसनीय पाया गया है।
5. डाटा बैंक : भर्ती करने वाली फर्में विभिन्न क्षेत्रों के विविध व्यक्तियों के बारे में एक डाटा बैंक बना सकती हैं। वे शैक्षणिक संस्थनाओं, रोजगार कार्यालयों पेशेवर संगठनों से जानकारी प्राप्त कर सकती है। यह एक अन्य स्रोत बन जायेगा एवं भर्ती की आवश्यकता होने पर कंपनियाँ विवरण प्राप्त कर सकती हैं।
6. समान संगठन : वे संगठन जो एक समान उत्पादों का उत्पादन करते हैं या समान व्यवसाय करते हैं वे भर्ती के महत्त्वपूर्ण स्रोत होते हैं। भर्ती करने वाली कंपनियों को आवश्यकतानुसार समान अनुभव वाले व्यक्ति समान संगठनों में उपलब्ध हो जायेंगे। ये अधिकारिक पदों, नए स्थापित या विविधता वाले और फैले हुए संगठनों के लिए बहुत प्रभावी स्रोत होते हैं।
7. अनियमित मुलाकाती : प्रबंधन उन व्यक्तियों को नियुक्त कर सकता है जो अनियमित तौर से लघु अवधि की माँगें पूरी कराने के लिए होती है मिलते रहते हैं। यह चयन के नियमित तरीके से बचना होगा। ये व्यक्ति केवल कम अवधि के लिये ही नियुक्त होते हैं। इन्हें छँटनी या भविष्य निधि भत्तों के भुगतान की आवश्यकता नहीं होती। भर्ती का यह तरीका कम खर्च वाला होता है क्योंकि प्रबंधन पेंशन, बीमा तथा अतिरिक्त लाभ देने की जिम्मेदारी अपने ऊपर नहीं लेता।
8. श्रम ठेकेदार : मजदूरों की आपूर्ति के लिए ठेकेदारों की सेवा लेना सामान्य है। जब कर्मचारियों की छोटी अवधि के लिए आवश्यकता होती है एवं उन्हें बिना सारी चयन औपचारिक प्रक्रिया के ठेके पर लिया जाता है। ठेकेदार या कार्य उपलब्ध कराने वाले उन्हें प्राप्त करने के लिए श्रेष्ठ स्रोत हैं। ठेकेदार मजदूरों से उनके स्थान पर नियमित संपर्क बनाये रखते हैं एवं स्वयं के खर्च पर शहर में लेकर आता है। इस विधि से ठेके पर रखे गये कर्मचारी सामान्यतया अकुशल श्रमिक होते हैं।
9. श्रमिक संगठन : सामान्य तौर पर बेरोजगार या अर्ध रोजगार वाले व्यक्ति श्रमिक संघों के नेताओं से उनके लिये कार्य उपलब्ध कराने का अनुरोध करते हैं। संघ के नेता कंपनियों में रिक्तियों के बारे में जानकार होते हैं तथा वे प्रबंधन को भी पहचानते हैं। ये नेता उपयुक्त व्यक्तियों की भर्ती में मदद कर सकते हैं। कुछ संगठनों में विशेष श्रेणी के कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ करने के पूर्व श्रमिक संघों से मशवरा किया जाता है। ऐसी स्थिति में उपलब्ध व्यक्तियों की भर्ती के बारे में श्रमिक संघ व्यक्तियों के नाम उपलब्ध करा सकते हैं।
10. गेट पर भर्ती : अकुशल कर्मचारियों की कारखाने से गेट पर भर्ती हो सकती है। कुछ उद्योगों जैसे जूट में बड़ी संख्या में कामगार बदली या स्थानापन्न के रूप में कार्य करते हैं। स्थायी कर्मचारी की अनुपस्थिति में इन्हें कार्य पर रखा जाता है। इन बदली कर्मियों में से जो योग्य पाया जाता है। कार्य की रिक्तियों संबंधी सूचना कंपनी के सूचना पटल पर लगाई जा सकती है। इस प्रकार की भर्ती सीधी भर्ती कहलाती है। यह कम खर्च वाला तरीका है तथा मुख्य रूप से अकुशल एवं औपचारिक कार्य रिक्तियों के लिये उपयोग में लाया जाता है।
11. केम्पस/परिसर भर्ती : कॉलेज/महाविद्यालय विश्वविद्यालय, शोध प्रयोगशाला भर्तीकर्त्ताओं के लिए उपजाऊ मैदान होते हैं। भारतीय प्रबंध संस्थान एवं भारतीय प्रौद्योगिक संस्थान (आई आई टी) भर्तीकर्त्ताओं के मार्ग की सूची में सर्वोच्च है। वास्तव में कुछ कंपनियाँ इन संस्थानों से प्रति वर्ष बड़ी संख्या में उम्मीदवारों की भर्ती के लिए बाध्य हैं। भर्तीकर्त्ताओं के लिए परिसर भर्ती इतनी पसंदीदा हैं कि प्रत्येक महाविद्यालय, विश्वविद्यालय के विभाग या संस्थान द्वारा भर्ती आयोजन को संभालने के लिए एक नियोजन अधिकारी पदस्थ किया जाता है। परिसर भर्ती अधिकांशतया एक महँगी प्रक्रिया है। भर्ती हुए में से अधिकांश बेहतर परिस्थिति की खोज में संगठन छोड़ देते हैं। समस्याओं को सहन करते हुए, परिसर भर्ती प्रतिष्ठित कंपनियों जैसे हिन्दुस्तान लीवर लि. टाटा लार्सन एवं टूब्रो आदि के लिये मुख्य स्रोत है।
12. भर्ती एजेंसी : कई निजी विशेषज्ञ सलाहकार कंपनियों जैसे फर्ग्युसन एसोसिएट्स, प्राइस वाटर हाउस, ए बी सी कंसलटेंट्स आदि ग्राहक कंपनी के वास्ते भर्ती कार्यक्रम आयोजित करती हैं एवं फीस बदलती हैं। ये एजेंसियाँ विशेषरूप से प्रबंधकों एवं विशेषज्ञों की भर्ती के लिये उपयुक्त होती हैं। ये भर्ती एवं चयन के सभी आयोजन संपन्न करती हैं। जिससे ग्राहक बोझ से मुक्त हो जाता है। किन्तु भर्ती की इन एजेसियों की लागत बहुत ऊंची होती है।
13. अंदर, भीतर आना, चलना, अन्दर लिखना, अन्दर बोलना : आजकल चलना भर्ती का बहुत लोकप्रिय तरीका होता जा रहा है। आज के अखबार नई विधियों से भरे पड़े हैं। दस में छह साक्षात्कार से हैं। आवेदन केवल अपने आत्म सारांश के साथ साक्षात्कार के लिए अंदर जाता है। हालांकि अंदर चलना साक्षात्कार कर्त्ताओं के लिए एक कठिन चुनौती पेश करता है क्योंकि वह नहीं जानता कि कितने उम्मीदवारों का साक्षात्कार करना है। कई बार बाहर के तापमान के साथ उम्मीदवारों की संख्या बदलती है। कर्मचारी के दृष्टिकोण से अंदर चलिए वरीयतापूर्ण है क्योंकि ये भर्ती के अन्य तरीकों को परेशानी से मुक्त रखता है।
अंदर लिखिये में कार्य के इच्छुक लिखित जानकारी भेजते हैं एवं उन्हें अन्य प्रक्रियाओं के लिए आवेदन पत्र भरने को कहा जाता है।
अंदर बोलना भी आजकल लोक प्रिय होता जा रहा है। कार्य इच्छुकों को भर्तीकर्ता से निश्चित दिनांक पर विस्तृत चर्चा के लिए मिलना पड़ता है। इस प्रकरण में कोई आवेदन प्रस्तुत करने की जरूरत नहीं होती।
14. विस्थापित व्यक्ति : किसी विशेष क्षेत्र में एक परियोजना के क्रियान्वयन का परिणाम सैंकड़ों रहवासियों का विस्थापन होता है। विस्थापितों का पुनर्वास व्यवसाय का एक सामाजिक उत्तरदायित्व है। विस्थापितों का पुर्नवास सरकार कानूनन आवश्यक है एवं विश्व बैंक ने संबंधित देशों को वरीयता देने के लिये यह शर्त रखी है। हालांकि कंपनियों का दिशा अभिलेख इस संबंध में निराशाजनक है।
15. प्रतिस्पर्धी : विरोधी कंपनियाँ भी भर्ती का स्रोत हो सकती हैं। लोकप्रिय रूप से शिकार करना या छापा मारना, इस तरीके में विरोधी कंपनियों की सही व्यक्तियों को पहचानना, बेहतर सुविधाओं या प्रस्ताव देना एवं उन्हें बहका के ले जाना है। विरोधी कंपनियों में भावी उम्मीदवारों के लिये छापा मारने में वैधानिक एवं नैतिक मुद्दे शामिल रहते हैं। दुर्भाग्य से आज के युवा प्रबंधन जड़ विहीनता एवं कार्य की कूद के लिए जाने जाते हैं। संगठन के प्रति निष्ठा पुरानी बात हो गयी है। यह मानव संसाधन प्रबंधकों वे लिए एक चुनौती है।