भर्ती को प्रभावित करने वाले कारक
सभी संगठन भले ही बड़े हों या छोटे, भर्ती गतिविधि में शामिल भले ही समान मात्रा तक नहीं। इनमें अंतर निम्न के कारण होता है
1.संगठन का आकार
2.समुदाय में रोजगार की स्थितियाँ, जहाँ संगठन स्थित है।
3.पुराने भर्ती प्रयत्नों के प्रभाव जो संगठन की अच्छा कार्य करने वाले व्यक्तियों को ढूँढ़ने व साथ रखने की क्षमता को प्रदर्शित करते हैं।
4.कार्य दशाएं एवं संगठन द्वारा प्रस्तावित वेतन एवं लाभ के पैकेजेस जो turnover को प्रभावित करके भविष्य में भर्ती को जरूरी कर सकते हैं।
5.संगठन की वृद्धि की दर ।
6.ऑपरेशन्स के मौसमीकरण का स्तर तथा भविष्य के विस्तार एवं उत्पादन प्रोग्राम्स
7.सांस्कृतिक, आर्थिक तथा कानूनी कारक आदि ।
भर्ती की प्रक्रियाएं
भर्ती की प्रक्रिया निम्न स्तरों से गुजरती है:
1.भर्ती की प्रक्रिया तब प्रारंभ होती है, जब व्यक्तिगत विभाग कंपनी के किसी विभाग से भर्ती के लिए माँग-पत्र प्राप्त करता है। माँग-पत्र में भरे जाने वाले स्थान का विवरण, भर्ती किए जाने वाले व्यक्तियों की संख्या, निष्पादित किए जाने वाले कर्तव्य, उम्मीदवारों की प्रत्याशित योग्यता, रोजगार की शर्तें तथा नियुक्ति हेतु उपलब्धता की समयावधि रहती है।
2.आवश्यक कर्मचारियों की संख्या एवं प्रकार के स्रोतों का पता लगाना तथा विकसित करना।
3.भावी कर्मचारियों की आवश्यक विशेषताओं की पहचान करना।
4.वांछित उम्मीदवारों को आकर्षित करने की तकनीक का विकास करना। किसी संगठन की बाजार में सद्भावना भी एक तकनीक हो सकती है। एक अच्छे नियोक्ता होने का कंपनी का प्रचार भी उम्मीदवारों को आवेदन करने के लिए प्रोत्साहित करने में मदद कर सकता है।
5.उम्मीदवारों को आकर्षित करने की तकनीकें लागू करना। आकर्षक वेतन, विकास की उचित सुविधाएं आदि भी अन्य हो सकती हैं।
6.अगले चरण की प्रक्रिया में ज्यादा से ज्यादा संभव उम्मीदवारों को प्रोत्साहित / प्रेरित करना एवं उन्हें आवेदन करने हेतु कहना। चयन अनुपात बढ़ाने के लिए, ज्यादा उम्मीदवारों को आकर्षित करने की आवश्यकता है।
7.भर्ती प्रक्रिया के प्रभाव का मूल्यांकन करना।
अतः एक आदर्श भर्ती कार्यक्रम में जो व्यक्ति भर्ती प्रक्रिया के लिए जिम्मेदार हैं, उन्हें यह ज्ञात होना चाहिए कि कितने और किस प्रकार के कर्मचारियों की आवश्यकता है, उचित योग्यता एवं रुचि वाले व्यक्तियों को कहाँ और कैसे ढूँढ़ें, विभिन्न आवेदक समूहों के लिए कौनसे प्रलोभनों का उपयोग या बचाव, आवेदकों में जो अयोग्य है तथा वे जिनकी सफलता की संभावना है, में अंतर करना एवं उनके कार्य का मूल्यांकन कैसे करना । निम्न चित्र हर्बट जी हेनमेन द्वारा विकसित एक आदर्श भर्ती प्रक्रिया को दर्शाता है.