जॉब निर्दिष्टीकरण

कार्य विशिष्टता भी कार्य विश्लेषण का उत्पाद है। कार्य विशिष्टता या कर्मचारी की विस्तृत सूचना निम्नतम स्वीकार योग्य मानव गुण, जो कार्य प्रदर्शन के लिए आवश्यक होते हैं, का ब्यौरा होता है। यह जिस प्रकार के व्यक्ति की आवश्यकता होती है, उसकी शैक्षणिक योग्यता, अनुभव, अभिरुचि आदि की कार्य के लिए विशिष्टता दर्शाती है, इसके बाद योग्य व्यक्ति के चयन में मदद करती है यह रूपरेखा तय करने के बाद कि कार्य में विशेष कार्य परिस्थितियों का मुकाबला कैसे किया जाएगा। कार्य विशिष्टता विभिन्न लेखकों द्वारा निम्नानुसार परिभाषित की गई है-

अर्थ कार्य विशिष्टता कार्य के लिए व्यक्तिगत आवश्यकताओं के सारांश का ब्यौरा है। इसको “चयन हेतु व्यक्ति का स्तर” भी कहा जा सकता है।

कार्य विशिष्टता के अन्तर्गत आने चाहिए-

(i) शारीरिक विशेषताएं- जैसे ऊंचाई, वजन, सीना, दृष्टि, सुनने की योग्यता, स्वास्थ्य, उम्र, वाणी, संतुलन आदि।

(ii) मनोवैज्ञानिक एवं सामाजिक विशेषताएं- जैसे भावनात्मक स्थिरता, लचीलापन, निर्णय लेने की क्षमता, विश्लेषण की दृष्टि, मानसिक सक्षमता, सदाचरण, पहल करना, बातचीत करने की क्षमता आदि।

(iii) मानसिक विशेषताएं- जैसे सामान्य बुद्धिमत्ता, याददाश्त, परख, एकाग्रता की क्षमता, दूरदर्शिता आदि।

(iv) व्यक्तिगत विशेषताएं- जैसे यौन शिक्षा, पारिवारिक पृष्ठभूमि, कार्य अनुभव, शौक, पाठ्यक्रम से बाहर की गतिविधियाँ आदि।

परिभाषाएं

एडविन बी. फ्लीप्पो के अनुसार, “कार्य विशिष्टता निम्नतम स्वीकार योग्य मानवीय सहायता का ब्यौरा है जो कार्य पर उचित प्रदर्शन के लिए होता है।”

डेल योडर के अनुसार, “कार्य विशिष्टता एक उचित रूप से वर्णित सारांश है जो एक विशिष्ट कार्य वर्णन है। व्यक्तिगत आवश्यकताओं पर जोर देने और चयन और नियुक्ति को सुविधाजनक बनाने की रूपरेखा बनाने के लिए।’
चाहिए-

इन सभी विशेषताओं को तीन श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाना

(a)एक व्यक्ति द्वारा धारित आवश्यक गुण ।

(b)एक व्यक्ति द्वारा धारित वांछित गुण।

तुलनात्मक विरोध/अंतर के लक्षण, जो सकल कार्य
प्रदर्शन में अड़चन होंगे।

कार्य वर्णन एवं कार्य विशिष्टता : अंतर

कार्य वर्णन एवं कार्य विशिष्टता दोनों कार्य विश्लेषण के उत्पाद हैं, परन्तु ये दुविधा में नहीं होना चाहिए। निम्न में इन दोनों बिन्दुओं के अन्तर हैं-

1. कार्य वर्णन कर्त्तव्यों, जिम्मेदारी एवं कार्य के अन्य लक्षणों का सारांश है, जबकि कार्य विशिष्टता व्यक्ति के गुणों का ब्यौरा है, जो कार्य का धारक होता है। कार्य विशिष्टता कार्य धारण करने वाले व्यक्ति का आंकलन करती है और कार्य वर्णन कार्य का आंकलन करता है। ये दोनों आंकलन की छड़ी हैं।

2. कार्य विशिष्टता कार्य के चयन के मेल में प्रबन्धन की सहायक होती है। आवेदकों का कार्य विशिष्टता ब्यौरे के आधार पर उल्लेखित गुणों का निर्धारण होता है। कार्य वर्णन उम्मीदवार को कार्य की आवश्यकता को समझने में सहायता करता है जो उसे पूर्ण करना होते हैं। यह कर्मचारी को कार्य वर्णन के वास्तविक प्रदर्शन के मूल्यांकन में भी मदद करता है।

कार्य विशिष्टता की तैयारी

कार्य वर्णन के अधिक बढ़ जाने पर कार्य विशिष्टता का प्रतीकात्मक विकास पूरे संगठन में व्यक्तिगत विभाग एवं अन्य कई निरीक्षकों के सहयोग से विकास होता है। व्यक्तिगत विभाग कार्य विशिष्टता एवं वर्णन के लेख का समन्वय करता है तथा वांछित योग्यताओं के समझौते को सुरक्षित करता है।

चूँकि निरीक्षकों को कार्य सम्बन्धी बहुत जानकारी होती है, व्यक्तिगत विभाग आवश्यक योग्यताओं के सम्बन्ध में निरीक्षकों के सुझावों को बहुत महत्त्व देगा, परन्तु व्यक्तिगत प्रबन्धक यह तय करेगा कि संगठन को लक्ष्य हासिल करने की रूपरेखा बनाने के लिए सहायता करने में विशिष्टताएं वास्तविक, निष्पक्ष हों।

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