भर्ती के बारे में जाने

व्यक्तिगत योजना का उद्देश्य संख्या एवं प्रकार के संबंध में व्यक्ति की आवश्यकताओं को ज्ञात करना है। संख्या के बारे में तय करने के लिए वर्तमान तथा भविष्य की जरूरतों दोनों का लेखा-जोखा करना जरूरी होता है। यदि भविष्य में विस्तार की योजना है तो इन आवश्यकताओं पर विचार किया जाना चाहिए। संख्या के साथ ही आवश्यक व्यक्ति के गुण भी महत्त्वपूर्ण हैं। यह कार्य की आवश्यकता आदि के अध्ययन से तय किया जायेगा। शैक्षणिक तथा तकनीकी आवश्यकताओं का उचित मूल्यांकन/विश्लेषण किया जाना चाहिए ताकि विभिन्न कार्यों के प्रबंधन लिए सही व्यक्ति नियुक्त हो सके।

भर्ती कई बार रोजगार से भ्रमित हो जाती है। ये दोनों एक ही और समान नहीं हैं। भर्ती रोजगार की प्रक्रिया में मात्र एक कदम है। इसी तरह 1 से भर्ती एवं चयन भी प्राकृतिक रूप से भिन्न हैं। भर्ती का कार्य चयन प्रक्रिया के बाद होता है। भर्ती ज्यादा से ज्यादा उम्मीदवारों को आकर्षित करने की सुविधाजनक तकनीक के विकास से संबंधित होती है, जबकि चयन, कार्य के लिए सबसे उचित/योग्य उम्मीदवार को खोजने की प्रक्रिया होती है।

अर्थ

भर्ती भावी उम्मीदवारों को खोजने एवं संगठन में कार्य के लिए आवेदन करने हेतु प्रेरित करने की प्रक्रिया है। जब अधिक व्यक्ति आवेदन करते हैं तो बेहतर व्यक्तियों की भर्ती के अवसर होंगे। कार्य चाहने वाले भी दूसरी ओर उस संगठन की खोज में रहते हैं जो उन्हें रोजगार दे। भर्ती उस गतिविधि की कड़ी है जो कार्य एवं कार्य चाहने वालों को समीप लाने का कार्य करती है।

वोडर के अनुसार, “भर्ती मानव बल के स्रोतों को खोजने की प्रक्रिया है जो अमले की कार्यसूची की आवश्यकताओं को पूरा करना एवं प्रभावी तरीकों से समुचित संख्या में मानव बल को आकर्षित करना है, जो प्रभावी कार्यबल के प्रभावी चयन को सरल बना सके।” भर्ती वह प्रक्रिया है जो लोगों को संगठन में चयन हेतु आवेदन करने के लिए प्रोत्साहित/प्रेरित करे। यह कार्य आवश्यकताओं के लिए मानव बल के स्रोतों का पता लगाने में सम्मिलित करता है। उसके शब्दों में, “यह भावी कर्मचारियों की खोज करने और उन्हें संगठन में कार्य के लिए आवेदन करने हेतु प्रेरित एवं उत्साहवर्धन करने की प्रक्रिया है। यह अक्सर सकारात्मक कही जाती है क्योंकि यह भाड़े पर रखने के अनुपात अर्थात् कार्य के लिए आवेदकों की संख्या बढ़ाने के लिए लोगों को आवेदन करने हेतु प्रेरित करती है।”

फ्लीप्पो के अनुसार, “भर्ती भावी कर्मचारियों को संगठन कार्य के लिए प्रेरित करने एवं उन्हें आवेदन करने के लिए प्रोत्साहित करने की प्रक्रिया है।”

डेल एस. बीच के अनुसार, “भर्ती सुरक्षित मानव बल स्रोतों का विकास एवं रखरखाव है। यह पर्याप्त श्रम के निर्माण के समूह शामिल करता है जिन पर संगठन अतिरिक्त कर्मचारियों की आवश्यकता पड़ने पर निर्भर हो सकता है।”

उपरोक्त परिभाषाओं के विश्लेषण से भर्ती के निम्न लक्षण उभरते है

1.भर्ती एक प्रक्रिया अथवा गतिविधियों का समूह है। यह अकेला कार्य है।

2.भर्ती नियोक्ता तथा कर्मचारियों को जोड़ने का साधन है।

3.भर्ती का प्रभाव उद्देश्य काम हेतु जरूरी लोगों के स्रोत खोजना

4.भर्ती दुतरफा प्रक्रिया है। संगठन एवं कर्मचारी दोनों के पास चयन का अधिकार होता है कि वे कहाँ तथा किसे ज्वाइन करें।

5.सावधानी से भर्ती प्रक्रिया पूर्ण करना जरूरी है खासकर भारत जैसे देश में जहाँ अत्यधिक बेरोजगारी के कारण कार्य तथा व्यक्ति की गलत जोड़ी बनने का डर ज्यादा होता है।

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